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मोदी ने जिस चंद्रबाबू नायडू को कभी ‘यूटर्न बाबू’ कहा था, वही अब पार लगायेंगे NDA की नैया

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 

पीएम मोदी ने जिस चंद्रबाबू नायडू को कभी ‘यूटर्न बाबू’ कहा था, वही अब एनडीए की नैया पार लगायेंगे। मतलब एनडीए की सरकार बनने में निर्णायक भूमिका निभायेंगे। बता दें कि टीडीपी प्रमुख ने एनडीए का हिस्सा बनकर लोसकसभा चुनाव लड़ा है। उनकी पार्टी को लोकसभा में 16 सीटें मिली हैं।  मोदी की सरकार में बने रहने के लिए 272 सीटें जरूरी हैं। बीजेपी की 240, टीडीपी की 16 और जेडीयू की 12 सीटें मिलाकर 268 का आंकड़ा पहुंचता है। अगर टीडीपी एनडीए का साथ छोड़ती है तो एनडीए के पास 276 सांसद बचेंगे। इस लिहाज से भी सरकार बहुमत में तो रहेगी, लेकिन जादुई आंकड़े से कुछ सीटें ही ज्यादा बचेंगी और इससे एक कमजोर सरकार बनेगी। 

2018 तक नायडू एनडीए का हिस्सा रहे 

टीडीपी का इतिहास देखें तो 2018 तक नायडू एनडीए का हिस्सा हुआ करती थी। टीडीपी ने 2018 में एनडीए का साथ छोड़ दिया। यही नहीं, चंद्रबाबू नायडू ने इसके बाद मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया था। हालांकि, ये प्रस्ताव गिर गया था। इसी का नतीजा रहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी और नायडू ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। एनडीए का साथ छोड़ने पर तब पीएम मोदी ने नायडू को 'यूटर्न बाबू' का नाम दिया था। 

मोदी से सबसे पहले इस्तीफा मांगा था 
मामला इतना भर नहीं है। साल 2002 के गुजरात दंगों के बाद चंद्रबाबू नायडू देश के उन नेताओं में से एक थे, जिन्होंने सबसे पहले नरेंद्र मोदी से इस्तीफा मांगा था। उस समय पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और गुजरात दंगों के कारण उन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी मोदी को इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन मोदी ने इससे इनकार कर दिया था। 

 

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Tags - Chandrababu NaiduPM MODINDANew Government